मुक्तेश्वर में 2400 मीटर की ऊंचाई पर बढ़ रहा किंग कोबरा का कुनबा, शोध में सामने आई चौंकाने वाली बातें
हल्द्वानी Updated Wed, 02 Sep 2020 09:58 PM
किंग कोबरा का कुनबा - फ़ाइल फ़ोटो |
सार
● अभी तक मैदान में ही दिखते थे किंग कोबरा, तराई से मुक्तेश्वर तक फैला है किंग कोबरा का कुनबा
विस्तार
दुनिया में यदि सबसे ऊंचाई पर किंग कोबरा का वास है तो वह नैनीताल के मुक्तेश्वर में है। किंग कोबरा को नैनीताल का परिवेश भा रहा है। वन अनुसंधान केंद्र के शोध में पता चला है कि तराई से लेकर मुक्तेश्वर तक किंग कोबरा का कुनबा फैला हुआ है। केंद्र का मानना है कि इस पर शोध होना चाहिए।
वन अनुसंधान केंद्र के शोध में किंग कोबरा को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। शोध में पता चला है कि वर्षा वनों में पाए जाने वाले किंग कोबरा का कुनबा तराई से लेकर 2200 से 2400 मी. की ऊंचाई वाले मुक्तेश्वर तक फैला है।
उत्तराखंड में नैनीताल, पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार और उत्तरकाशी में किंग कोबरा पाए गए हैं। नैनीताल में मनौरा और भवाली रेंज में सबसे अधिक किंग कोबरा देखे गए हैं। इससे पता चलता है कि किंग कोबरा को नैनीताल का परिवेश भा रहा है। किंग कोबरा एकमात्र ऐसा सांप है जो घोंसला बनाकर रहता है। इसका पहला घोंसला भवाली फॉरेस्ट रेंज में 2006 में मिला था। इसके बाद 2012 में मुक्तेश्वर में मिला।
यहां किया गया कोबरा का बचाव
वन विभाग के अनुसार 2015 से जुलाई 2020 तक नैनीताल फॉरेस्ट डिविजन में किंग कोबरा का 35 बार बचाव किया गया। इसके अलावा, कार्बेट टाइगर रिजर्व में 16 बार, तराई पूर्वी वन डिविजन में सात बार, तराई केंद्रीय में तीन बार, रामनगर फॉरेस्ट डिविजन में 16 बार, हल्द्वानी गौलापार में चार, देहरादून फॉरेस्ट डिविजन में तीन, राजाजी नेशनल पार्क में 24, मसूरी फॉरेस्ट डिविजन में 4, चकराता फॉरेस्ट रेंज में एक, हरिद्वार में दो, लैंसडौन में चार, कालागढ़ में 8 और उत्तरकाशी में तीन बार किंग कोबरा का बचाव किया गया।
किंग कोबरा का प्राकृतिक रूप से दक्षिण भारत व उत्तरी भारत के वर्षा वनों में वास है लेकिन हिमालयी क्षेत्र में भी इसकी अच्छी संख्या है। नैनीताल का मौसम किंग कोबरा को भा रहा है। इस पर और अधिक शोध की जरूरत है।
- संजीव चतुर्वेदी, मुख्य वन संरक्षक, वन अनुसंधान केंद्र, हल्द्वानी।