उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए विधेयक पारित किया है. फरवरी 2024 में पारित इस विधेयक को अभी राज्यपाल की स्वीकृति मिलना बाकी है, लेकिन इसके लागू होने के बाद उत्तराखंड में सभी धर्मों के लोगों पर विवाह, तलाक, संपत्ति का उत्तराधिकार और लिव-इन रिलेशनशिप जैसे मामलों में एक समान कानून लागू होगा.
यहां कुछ मुख्य बिंदु हैं जो उत्तराखंड के समान नागरिक संहिता को परिभाषित करते हैं:
- विवाह और तलाक: यह विधेयक बाल विवाह को रोकता है और एक समान विवाह प्रक्रिया स्थापित करता है. तलाक के लिए भी एक समान प्रक्रिया निर्धारित की गई है.
- संपत्ति का उत्तराधिकार: यह विधेयक सभी धर्मों के लोगों के लिए उत्तराधिकार का एक समान कानून लागू करता है.
- लिव-इन रिलेशनशिप: यह विधेयक लिव-इन रिलेशनशिप को मान्यता देता है और इसके लिए पंजीकरण की आवश्यकता को भी शामिल करता है.
कुछ खास बातें:
- उत्तराखंड की कुछ जनजातीय समुदायों को समान नागरिक संहिता से छूट दी गई है. ऐसा उनकी परंपराओं और रीति-रिवाजों को बनाए रखने के लिए किया गया है.
- यह विधेयक अभी भी बहस का विषय बना हुआ है, कुछ लोगों का मानना है कि इससे धार्मिक स्वतंत्रता का हनन होता है, जबकि अन्य लोग इसे समानता के लिए एक सकारात्मक कदम मानते हैं.
अधिक जानकारी के लिए:
- आप उत्तराखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://uk.gov.in/ देख सकते हैं.
- आप समाचार पत्रों या समाचार वेबसाइटों पर "उत्तराखंड समान नागरिक संहिता" से संबंधित लेख पढ़ सकते हैं.