ऐसे बनती है उत्तराखंड की यह प्रसिद्ध मिठाई.....

 नमश्कार दोस्तों 🙏

आज आप इस बात से परिचित होंगे कि बाल मिठाई आखिर कैसे बनती है? और क्यों है यह इतनी प्रसिद्ध?

बाल मिठाई फ़ोटो - उत्तराखंड समाचार

 तो सबसे पहले बात करते है आखिर यह इतनी प्रसिद्ध क्यों है?

ज्यादातर  प्रसिद्ध तो यह अपने स्वादिष्ट स्वाद होने से ही है, जिस वजह से लोग इस मिठाई को काफी पसंद करते है।

मुझे आशा है कि आपने भी यह मिठाई खाई ही होगी(अगर आपने खाई है तो हमे भी कमेंट करके बताएं कि आपको इसका स्वाद कैसा लगा?) अगर आपने नही खाई तो आपको इसका स्वाद एक बार लेना चाहिए तभी आप भी जान पाएंगे कि इसका स्वाद कैसा है।


कैसे हुई बाल मिठाई की उतपत्ति?

बाल मिठाई की उत्पत्ति कुमाऊँ क्षेत्र में हुई। यह 20वीं सदी की शुरुआत में अल्मोड़ा के लालाबाज़ार के लाला जोगा शाह का आविष्कार था। विद्वानों का मानना ​​है कि बाल मिठाई शुरू में सूर्य देव को प्रमुख भेंट देने का नाम रहा होगा।

बनाने की प्रक्रिया 

बाल मिट्ठी को चीनी और खोया के मिश्रण के साथ  (उबले दूध की क्रीम) में पकाकर बनाया जाता है, इस मिश्रण को तब तक पकाया जाता है जब तक कि इसका रंग गहरा भूरा न हो जाए, इसके रंग की समानता ( मिलाव ) के लिए बोलचाल की भाषा में 'चॉकलेट' की मिठाई कहा जाता है।। पूरा पक जाने के बाद इस मिश्रण को ठंडा करने के लिए रख दिया जाता है, और उसके बाद उस मिश्रण को छोटे छोटे घन के आकार में काटकर उन आकारों के चारो तरफ चीनी लेपित भुना हुआ खसखस ​​से बने छोटे सफेद गेंदों के साथ लेपित करते हैं। इस प्रकार आसान विधि से बाल मिठाई तैयार हो जाती है।



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