Uttarakhand samachaar:उत्तराखंड में मनरेगा से लेकर अच्छी खबर,अब 200 दिन का मिल सकता है काम।

एक्सक्लूसिव: उत्तराखंड में मनरेगा से जुड़े लोगों के लिए अच्छी खबर, अब 200 दिन का मिल सकता है काम
फ़ाइल फोटो

देहरादून Updated Thu, 16 Jul 2020 02:20 IST

सार

  • कोरोना संक्रमण वाले जिलों में सख्ती, बाकी को कुछ हद तक छूट
  • सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया जाएगा।
  • प्रदेश में शिक्षण संस्थान 15 मई के बाद ही खुलेंगे।

विस्तार

मनरेगा के तहत उत्तराखंड में सौ दिन की जगह कम से कम 200 दिन तक के लिए रोजगार की गारंटी का प्रस्ताव केंद्र को भेज दिया गया है। इसी के साथ प्रदेश सरकार ने केंद्र से यह भी आग्रह किया है कि मनरेगा में खेती किसानी की इजाजत दी जाए। 


प्रदेश में इस समय मनरेगा के तहत कम से कम सौ दिन तक काम उपलब्ध कराने की गारंटी दी जाती है। कई सामाजिक संगठनों की मांग थी कि इसको बढ़ाकर 200 दिन किया जाए।
शासन के मुताबिक यह प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेज दिया गया है। इसके साथ ही राज्य ने केंद्र सरकार से यह भी आग्रह किया है कि इसमें खेती किसानी को भी जोड़ा जाए।

पांच लाख से अधिक जुड़े अब मनरेगा से, पिछले साल से ज्यादा
मनरेगा से प्रदेश में जुड़ने वालों की संख्या अब पांच लाख से अधिक हो गई है। स्टेट कोर्डिनेटर मोहम्मद असलम ने बताया कि करीब 5.10 लाख श्रमिक इस योजना से जुड़ गए हैं। प्रदेश में मनरेगा के तहत सामान्य रूप से करीब 10 लाख श्रमिक हर साल जुड़ते हैं। इस बार लॉक डाउन के कारण 20 अप्रैल से मनरेगा के तहत काम शुरू हो पाए थे। खास बात यह है कि इस बार करीब 60 हजार नए श्रमिक इस योजना से जुड़े हैं। इसमें से अधिकतर प्रवासी हैं। पिछले साल जुलाई माह की तुलना में इस साल करीब एक लाख से अधिक श्रमिक इस योजना से जुड़े हैं।

इस समय मिल रहा है 32 दिन का रोजगार
प्रदेश में औसतन इस समय 32 दिन का रोजगार दिया जा रहा है। यह राष्ट्रीय औसत से कम है। मनरेगा की सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है कि प्रदेश में कुल वर्कफोर्स में से करीब पचास प्रतिशत महिलाएं हैं। अब न्यूनतम सौ दिन का रोजगार होने पर विभिन्न योजनाओं का विस्तार भी सरकार को करना होगा ताकि कम कम छह माह तक लोगों को बराबर काम मिलता रहे। 

मत्स्य पालकों को भी जोड़ने की कोशिश
प्रदेश के मत्स्य पालकों को भी अब इस योजना से जोड़ने की तैयारी है। इस समय स्वयं सहायता समूह या अन्य समूह वाले ही मनरेगा के तहत मछलियों को पाल सकते हैं। अब कोशिश की जा रही है कि व्यक्तिगत स्तर पर भी मत्स्य पालकों को इस योजना से जोड़ा जाए।
कब-कब कितने लोगों को दिया गया रोजगार(लाख में)

2015-16    7.51

2016-17    7.95

2017-18    7.35
2018-19    4.45
2019-20    5.10 (माह जुलाई तक)

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