ब्लैक फंगस: उत्तराखंड में तैयार होगी ब्लैक फंगस की दवा, दो फैक्ट्रियों में होगा उत्पादन
ब्लैक फंगस - तस्वीर |
सार
उत्तराखंड में ब्लैक फंगस घातक होता जा रहा है। प्रदेश में ब्लैक फंगस के अब तक कुल 48 मरीज मिले हैं, इनमें से तीन की मौत हो चुकी है।
विस्तार
कोरोना संक्रमण के बाद मुसीबत बनते दिख रहे ब्लैक फंगस के इलाज में काम आने वाली दवाई एंफोटेरिसिन-बी का उत्पादन जल्द ही उत्तराखंड में शुरू होने जा रहा है। प्रदेश में इसके लिए दो फैक्ट्रियां तैयार हो चुकी हैं, जिनके निरीक्षण के लिए बुधवार को केंद्र की टीम उत्तराखंड पहुंची।
सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने बताया कि हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में दो फैक्टरी तैयार हो चुकी हैं। केंद्र की टीम का निरीक्षण पूर्ण होने के बाद जैसे ही अनुमति मिलेगी, इन दोनों फैक्ट्रियों में ब्लैक फंगस की दवाईयों का उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। जिससे उत्तराखंड के साथ ही दूसरे राज्यों में भी दवा की आपूर्ति आसान हो जाएगी।
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दूसरी ओर, ब्लैक फंगस के इलाज के लिए अभी 50 वायल आ चुकी हैं। 500 और वायल की डिमांड केंद्र को भेजी गई है। जबकि एम्स ऋषिकेश से आई 7500 की डिमांड को भी केंद्र को भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल चिंता की बात नहीं है, ब्लैक फंगस के इलाज के लिए दवा उपलब्ध है।
सरकार ने शुरू की डीआरडीओ की दवा के इस्तेमाल की प्रक्रिया
प्रदेश सरकार ने डीआरडीओ की नई दवा 2 डीऑक्सी डी-ग्लूकोज (2डीजी) के इस्तेमाल की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने बताया कि इस दवा के लिए तकनीकी समिति को पत्र भेज दिया गया है। यह समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। इसके आधार पर केंद्र से 2डीजी की डिमांड भेजी जाएगी।
स्पूतनिक का ग्लोबल टेंडर जारी
रूस की कोविड वैक्सीन स्पूतनिक की खरीद के लिए सरकार ने टेंडर जारी कर दिया है। सचिव अमित नेगी ने बताया कि इसके लिए ग्लोबल टेंडर जारी किया गया है। जो भी दावेदार सामने आएंगे, उनके साथ कांफ्रेंस करने के बाद ठेका दिया जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले एक महीने में स्पूतनिक वैक्सीन भी उत्तराखंड में उपलब्ध हो जाएगी।